नाम से आप सब समझ ही गए होंगे ...
हम कोई भी ख़ास और अनोखी बात बताने वाले है नहीं जो आप पहले से जानते ना हो !!
अपन तो बस मौजूदा हालात को एक कॉमिक एंगल देने की कोशिश करते है ||
३७ साल पहले एक इमरजेंसी लगी थी देश में और एक इमरजेंसी अब लगी है देश की जनता के बजट में ... सरकार तब भी काँग्रेस की थी ... सरकार अब भी काँग्रेस की है ... सरकार तब भी एक महिला चलती थी ... सरकार अब भी एक महिला ही चलती है ... विपक्ष तब भी होते हुये नहीं सा था ... विपक्ष अब भी होते हुये नहीं सा है ... जनता तब भी मजबूर थी ... जनता अब भी मजबूर है ... कोई बताएगा इन ३७ सालों मे भला क्या बदला ... सिवाए फेसबूक, ट्वीटर, गूगल +, ऑर्कुट के ???
naagon kee hee paliya hain naagon ke hee dal hain..naagon ne hee kar liye gathbandhan hain.nagino se nevlon se bicchuon se sath gath..njaane kaise chal raha mera loktantra hai...sadar badhayee aaur sadar amantran ke sath
3 comments:
कुछ नहीं बदला, हाँ ये ज़रूर देख लिया की एक लोकतंत्र किस किस तरह से "फेल" हो सकता है !!!!
naagon kee hee paliya hain naagon ke hee dal hain..naagon ne hee kar liye gathbandhan hain.nagino se nevlon se bicchuon se sath gath..njaane kaise chal raha mera loktantra hai...sadar badhayee aaur sadar amantran ke sath
bilkul theek kaha
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