पहले डुप्लेक्स हाथ से निकला ...
अब हाल मे मिला हुआ मकान भी हाथ से जाएगा ...
अब ऐसी सूरत मे तो केवल ...
"राजीव आवास योजना का सहारा है |"
अब हाल मे मिला हुआ मकान भी हाथ से जाएगा ...
अब ऐसी सूरत मे तो केवल ...
"राजीव आवास योजना का सहारा है |"
नाम से आप सब समझ ही गए होंगे ... हम कोई भी ख़ास और अनोखी बात बताने वाले है नहीं जो आप पहले से जानते ना हो !! अपन तो बस मौजूदा हालात को एक कॉमिक एंगल देने की कोशिश करते है ||
2 comments:
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन दादासाहब की ७० वीं पुण्यतिथि - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
सच्चे या झूठे वादे
पक्के या कच्चे वादे
ईश्वर जाने कितने
और ऐसे-वैसे वादे
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